शनिवार, 19 जून 2010

चुटकला पेश है

एक बार रमेश अपने दोस्तों से कह रहा था की आजकल मेरे सारे कामो में कुदरत साथ दे रही है । दोस्त बोले कैसे। रमेश बोला मैंने कुछ ‌पेङ काटने थे,रात तुफान आया पेङ उखङ गए ।कुछ कूङा
जळाना था,िफर आसमानी िबजळी‌‌िगरी और ‍कूङा जळ गया ।दोस्त बोले अब क्या करने की सोचते हो ।रमेश बोला अब मैंने आलू की फसल ‍िनकाळनी थी अब मैं भूचाळ का ईनतजार कर रहा हूँ .....हा हा हा

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